॥ आरती श्री युगल किशोर की ॥
आरती युगल किशोर की कीजै,
तन मन धन न्यौछावर कीजै। x2
आरती युगल किशोर की कीजै…।
गौर श्याम मुख निरखत रीझै,
प्रभु को स्वरुप नयन भर पीजै।
रवि शशि कोटि बदन की शोभा,
ताहि निरखि मेरा मन लोभा।
आरती युगल किशोर की कीजै…।
ओढ़े नील पीत पट सारी,
कुञ्जबिहारी गिरिवरधारी।
फूलन की सेज फूलन की माला,
रतन सिंहासन बैठे नन्दलाला।
आरती युगल किशोर की कीजै…।
कंचन थार कपूर की बाती,
हरि आये निर्मल भई छाती।
मोर मुकुट कर मुरली सोहै,
नटवर वेष देखि मन मोहै।
आरती युगल किशोर की कीजै…।
श्री पुरुषोत्तम गिरवरधारी,
आरती करें सकल ब्रजनारी।
नन्द लाला वृषभानु किशोरी,
परमानन्द स्वामी अविचल जोरी।
आरती युगल किशोर की कीजै,
तन मन धन धन न्यौछावर कीजै।
आरती युगल किशोर की कीजै…।
॥ इति श्री आरती युगल किशोर की ॥
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