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शिव ताण्डव स्तोत्र क्या है, लाभ और विधि भी जाने | What is Shiv Tandav Stotra and its Benefits in Hindi

शिव ताण्डव स्तोत्र क्या है, लाभ और विधि भी जाने | What is Shiv Tandav Stotra and its Benefits in Hindi

शिव ताण्डव स्तोत्र से संबंधित तथ्य पड़े।

शिव ताण्डव स्तोत्र क्या है ?

शिव ताण्डव स्तोत्र भगवान भोलेनाथ को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र एवं भजन है यह शिव तांडव स्तोत्र द्वापर युग में दशानन रावण के द्वारा भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए रचित किया गया था । हिंदू धर्म के अनुसार शिवजी प्रमुख देवताओं में से एक है यह यह शिव तांडव स्तोत्र भगवान शिव जी जी को प्रसन्न करने के लिए रावण में गाया था।

यह शिव तांडव स्तोत्र दो प्रमुख लीलाओं में विभाजित किया गया है जिसमें पहला भाग में भगवान भोलेनाथ की विभिन्न लीलाओं पहलुओं को वर्णन किया गया है जैसे उनकी तीसरी आंख उनका त्रिशूल उनके लंबे केश और उनका नित्य वहीं दूसरे भाग में भगवान शिव जी जी से प्रार्थना उनका आशीर्वाद और सुरक्षा मांगने के लिए इसकी रचना की गई है।

शिव ताण्डव स्त्रोत का जाप करने के लाभ।

यह शिव ताण्डव स्तोत्र का जाप करने से हमारे जीवन में कई लाभ होते हैं जैसे कि यह हमारे जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है वही हमारे आत्म बल को बढ़ाता है हमारे जीवन में सुख समृद्धि एवं शांति बनाए रखने के लिए यह शिव तांडव स्त्रोतम हमारे लिए बहुत लाभदायक है दिनचर्या में एक बार हमें जरूर यह शिव तांडव स्तोत्र का जाप करना चाहिए। जैसे की जैसे की शिवाजी अपने ध्यान में लगे रहते हैं इसी तरह हमें यह जाप करने से अपना ध्यान केंद्र करने की शक्ति देता है जिससे हमें अपने जीवन में आने वाली हर समस्या को पर करने का बल प्रदान करता है। यह शिव तांडव स्त्रोत हमारे हिंदू संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और पवित्र हिस्सा

शिव ताण्डव स्तोत्र कब पढ़ा जाए?

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ सुबह या फिर शाम के समय करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

शिव तांडव का रचयिता कौन है?

शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने के भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र दशानन के द्वारा रचित है।

शिव तांडव स्त्रोतम पाठ करने की विधि।

इस विधि को यदि आप यदि अपने दिनचर्या में समय निकालकर रोजाना यह पाठ करते हैं तो निश्चित ही भगवान शिव आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी करेंगे। 

सम्पूर्ण  शिव ताण्डव स्तोत्र पड़े।

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