श्री राम मंदिर | Shri Ram Mandir
प्रभु श्री राम भगवान श्री हरि विष्णु के सातवें अवतार हैं, उन्होंने यह अवतार त्रेता युग में लिया था। प्रभु श्री राम का जन्म जिस स्थान पर हुआ था उसे श्री राम जन्मभूमि कहा जाता है और वह अयोध्या नगरी में पड़ती है।
अगामी 22 जनवरी, 2024 को श्रीराम मंदिर का उद्घाटन समारोह है और मंदिर के गर्भ ग्रह में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस शुभ अवसर पर श्री राम भक्त अति प्रसन्न और उत्साहित है।
श्री राम मंदिर का उद्घाटन समारोह कब है ? | Inauguration Ceremony of Ram Mandir
श्री राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के साथ होना है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह 7000 विसिष्ट अतिथि और 4000 साधु संतो की उपस्तिथि में होगा और 50 विभिन्न देशों से आए अतिथिगण भी उपस्थित होंगे। 7000 अतिथियों में देश के बड़े उद्योगपति, अभिनेता, साहित्यकार और खिलाड़ी भी उपस्थित होंगे।
श्री राम मंदिर का इतिहास | History of Ram Temple
ऐसा माना जाता है 15वीं शताब्दी में मुगल शासको ने श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर को ध्वस्त करके इस स्थान पर मस्जिद का निर्माण करवाया था। सन 1850 से इस स्थान पर हिंदुओं ने दावा करा कि यह स्थान प्रभु श्री राम का जन्म स्थान है और तब से उसे स्थान को लेकर विवाद शुरू हो गया था।
तभी से यह स्थान विवादों में घिरा रहा सन 1992 में विवाद इतना बड़ा की उस स्थान पर जो ढांचा बना हुआ था जिसे बाबरी मस्जिद कहां जाता है उसे कारसेवकों ने ध्वस्त कर दिया।
श्री राम जन्मभूमि विवादित स्थान को लेकर दोनों पक्षों ने न्यायालय में गुहार लगाई जिसका अंतिम फैसला सन 2019 में हिंदू समाज के पक्ष में श्री राम भक्तों के पक्ष में आया सन 2019 में भारत के सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने यह आदेश पारित किया कि उस स्थान को सरकार एक ट्रस्ट को सौंप दे।
इस आदेश के बाद सरकार ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया और वह स्थान उस ट्रस्ट को सौंप दिया। मार्च 2020 से ट्रस्ट ने श्री राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू किया और 22 जनवरी, 2024 को श्री राम मंदिर का उद्घाटन समारोह है।
श्री राम मंदिर के वविवरण | Description of Ram Mandir
- श्री राम मंदिर का वास्तुकार नागर शैली जो कि भारतीय मंदिर निर्माण वास्तुकला के प्रकारों में से एक है उसके तर्ज पर किया जा रहा है।
- मंदिर बहुत ही विशाल और अत्यंत ही सुंदर होगा, मंदिर की लम्बाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी।
- मंदिर में 3 मंजिलें होगी, प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी, मंदिर में 392 खम्बे और 44 दरवाजे होंगे।
- भूतल पे गर्भगृह है जहा पे प्रभु श्री राम के बाल स्वरूप (श्री रामलला) विराजमान होंगे और प्रथम तल गर्भगृह में श्री राम दरबार के दर्शन होंगे।
- ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर में प्रार्थना कक्ष, राम कथा कुंज, वैदिक पाठशाला, संत निवास, यात्री निवास, संग्रहालय और कैफेटेरिया को भी सम्मिलित किया गया है।
- मत अनुसार यह भी कहा जा रहा है जब यह मंदिर पूर्णतः तैयार हो जाएगा तब यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा।
श्री राम मंदिर का वास्तुकार | Architect of Ram Mandir
मंदिर का प्रथम वास्तुकार वर्ष 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार के द्वारा किया गया था। सोमपुरा परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी मंदिरों के वास्तुकार का कार्य करती आ रही है। अब तक इस परिवार की 15 पीडिया ने मंदिरों का वास्तुकार किया है जिसमें 100 से ज्यादा भव्य मंदिरों का वास्तुकार इस परिवार द्वारा किया गया है।
श्री राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार श्री चंद्रकांत सोमपुरा और उनके दो सुपुत्र श्री निखिल सोमपुरा और श्री आशीष सोमपुरा है। वर्ष 2020 में जब श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ तब 1988 में बने हुए वास्तुकार में सूक्ष्म बदलाव करके उसी तर्ज पर मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
श्री राम मंदिर शिलान्यास समारोह | Ram Mandir Foundation Stone Laying Ceremony
श्री राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास समारोह 5 अगस्त 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा किया गया था। इस समारोह में नरेंद्र मोदी जी ने चांदी की ईट से शिलान्यास करा। इससे पूर्व पंडितों द्वारा तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान भी किया गया था इस अनुष्ठान के दौरान मंदिर में भगवान श्री राम की पूजा की गई सभी नवग्रह और देवी देवताओं को आमंत्रित किया गया और देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों से मिट्टी एवं जल भी मंगवाया गया।
देश की प्रमुख नदियां जैसी की गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, और कावेरी नदियों का जल भी इस अनुष्ठान में अर्पित किया गया। इस शिलान्यास समारोह में पाकिस्तान की शारदा पीठ से भी मिट्टी लाई गई और शिलान्यास समारोह के संध्या पर अयोध्या के मंदिरों दीप प्रज्वलित किए गए।
श्री राम मंदिर का आकार | Size of Ram Mandir
- श्री राम मंदिर का गर्भ ग्रह अष्टकोणीय आकर का होगा जबकि इसकी संरचना गोलाकार होगी।
- मंदिर का निर्माण पूरा होने पर मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी, चौड़ाई 250 फीट होगी और लंबाई 360 फीट होगी। जिसमें पांच गुंबद और एक टावर भी होगा।
- मंदिर को तीन मंजिला बनाया जा रहा है।
- गर्भ ग्रह का डिजाइन इस प्रकार किया गया है ताकि सूर्य की किरणें सीधा रामलाल पर पड़ेंगे रामलाल प्रभु श्री राम के बाल अवतार को कहते है।
- मंदिर में गर्भ ग्रह मंडप भी पूरी तरह से ढाका होगा जबकि कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप और दो प्रार्थना मंडप खुले रहेंगे।
- मंदिर में लगने वाली सभी खिड़कियां और दरवाजे सागौन की लकड़ी से बनी है, यह बेहद ही मजबूत लकड़ी होती है जिसकी उम्र 100 वर्ष के लगभग होती है यह लकड़ियां महाराष्ट्र के चंद्रपुर से मंगवाई गई हैं।
प्राण प्रतिष्ठा – मूर्ति स्तपना | Pran Pratistha – Statue Installation
श्री राम मंदिर के गर्भ ग्रह में प्रभु श्री राम की दो मूर्तियां विराजमान होगी एक वास्तविक मूर्ति जो 1949 में मिली थी और तब से अभी तक तंबू में विराजमान थी और दूसरी एक बड़ी मूर्ति होगी जिसका निर्माण हो चुका है और इस मूर्ति के निर्माण के लिए नेपाल के मुस्तांग जिले में बह रही काली गण्डकी नदी से दो विशाल शालिग्राम शिलाएं मंगवाई गई थी जिनका वजन 26 तन और 24 तन है माना जा रहा है यह शिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी है।
काली गण्डकी नदी के तट पर पाए जाने वाली यह शिलाएं शालिग्राम कहलाती हैं और इन शिलाओं को भगवान विष्णु के प्रतीक के रूप में माना और पूजा जाता है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के आग्रह पर इन शालिग्राम शिलाओं से भगवान श्री राम की मूर्ति बनाने का निर्णय ट्रस्ट और भक्तों द्वारा लिया गया।
मंदिर का घंटा | Temple Bell
श्री राम मंदिर में 2100 किलो का एक विशाल घंटा लगाया जाएगा जिसका आकार 6 फीट ऊंचा और 5 फुट चौड़ा होगा। इसके अतिरिक्त मंदिर में 10 विभिन्न आकार के छोटे घंटे भी लगाए जाएंगे जिनका वजन 500, 250 और 100 किलो होगा। इन घंटियों का निर्माण जलेसर में किया जा गया है जो की घंटियां और घुंगरू के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
राम मंदिर: समयरेखा | Ram Mandir: Timeline
- 1528-1529: मुगल बादशाह बाबर ने बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया।
- 1850: जमीन को लेकर सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत हुई।
- 1949: मस्जिद के अंदर राम की मूर्ति मिली, सांप्रदायिक तनाव तेज हुआ।
- 1950: मूर्ति पूजा की अनुमति के लिए फैजाबाद सिविल कोर्ट में दो मुकदमे दायर किए गए।
- 1961: यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मूर्ति को हटाने की मांग की।
- 1986: जिला अदालत ने हिंदू उपासकों के लिए स्थल खोला।
- 1992: 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को गिराया गया।
- 2010: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित क्षेत्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया।
- 2011: उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई।
- 2016: सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, राम मंदिर के निर्माण की मांग की।
- 2019: सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि थी, पूरी 2.77 एकड़ विवादित भूमि ट्रस्ट को सौंप दी और सरकार को वैकल्पिक स्थल के रूप में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया।
- 2020: पीएम मोदी ने भूमि पूजन किया और शिलान्यास किया।
- 2024: राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा।
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