श्री राधावल्लभ जी से जुड़े कुछ तथ्य। 

"श्री राधावल्लभ दर्शन दुर्लभ"  श्री राधावल्लभ के दर्शन अत्यंत कठिन हैं

राधावल्लभ का अर्थ है  " राधा का प्रेमी "

राधा-वल्लभ एक मध्यकालीन वैष्णव संप्रदाय है। 

श्री राधावल्लभ संप्रदाय की स्थापना श्री हित हरिवंश जी ने (1502-52 ई.पू.) में की थी। 

श्री हित हरिवंश जी को श्री कृष्ण की बांसुरी का अवतार माना जाता है।

श्री राधावल्लभ जी का श्री विग्रह भगवान शिव जी ने आत्मदेव ब्राह्मण के पूर्वज को तपस्या से खुश होकर दिया था।

संप्रदाय के अनुसार, आठ महत्वपूर्ण सेवाएं हैं जो नियमित रूप से पेश की जाती हैं।

और ये सेवाएं  हैं मंगला, धोप, श्रृंगार, राजभोग, उत्थापन, धुप, संध्या और अंत में शयन सेवा । 

धन्यवाद

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